
परिचय:
21 दिसंबर 2024 को राजस्थान के जैसलमेर में आयोजित 55वीं GST परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस बैठक का उद्देश्य कर प्रणाली को सरल बनाना, व्यापार में सुगमता लाना, और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करना था। इस लेख में, हम GST परिषद के मुख्य निर्णयों और GST दरों में बदलाव पर प्रकाश डालेंगे। साथ ही, पिछले वर्ष और वर्तमान वर्ष की GST दरों की तुलना करेंगे।
बैठक के प्रमुख निर्णय:
इस बैठक में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं, जिनका प्रभाव अलग-अलग क्षेत्रों पर पड़ेगा।
- GST दरों में बदलाव:
फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (FRK):
GST दर को 18% से घटाकर 5% किया गया।
जीन थेरेपी;
जीन थेरेपी पर GST पूरी तरह से हटा दी गई।
पुराने और उपयोग किए गए वाहन:
पंजीकृत विक्रेताओं द्वारा बेचे जाने वाले सभी पुराने और उपयोग किए गए वाहनों पर 18% GST लागू होगी।
- सेवाओं पर निर्णय:
दंडात्मक शुल्क (penal charge):
बैंकों और NBFCs द्वारा ऋण शर्तों के उल्लंघन पर लगाए गए दंडात्मक शुल्क (penal charge)पर कोई GST लागू नहीं होगी।
स्पॉन्सरशिप सेवाएं:
कॉर्पोरेट निकायों द्वारा दी जाने वाली स्पॉन्सरशिप सेवाओं को अब फॉरवर्ड चार्ज मैकेनिज्म के तहत लाया गया है।
- अन्य महत्वपूर्ण निर्णय:
वाउचर लेन-देन:
वाउचर को वस्तु या सेवा की आपूर्ति नहीं माना जाएगा, इसलिए उन पर GST नहीं लगेगा।
मोटर वाहन दुर्घटना कोष:
सामान्य बीमा कंपनियों द्वारा मोटर वाहन दुर्घटना कोष में किए गए योगदान पर GST से छूट दी गई है।
- स्थगित प्रस्ताव:
एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF):
ATF को GST के दायरे में लाने का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया गया।
बीमा प्रीमियम पर GST:
जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर GST दर कम करने का निर्णय स्थगित कर दिया गया।
पिछले और वर्तमान वर्ष की GST दरों की तुलना:
- सामान्य उपभोग वस्तुएं:
2023: अधिकतर आवश्यक वस्तुओं पर 12% GST।
2024: आवश्यक वस्तुओं पर दर 5% तक घटाई गई, जैसे फोर्टिफाइड राइस कर्नेल।
- स्वास्थ्य सेवाएं:
2023: चिकित्सा उपकरणों पर 12-18% GST।
2024: जीन थेरेपी पर GST हटा दी गई।
- वाहन और ऑटोमोबाइल:
2023: पुराने वाहनों पर GST दर 12%।
2024: पुराने और उपयोग किए गए वाहनों पर GST दर 18%।
- बीमा सेवाएं:
2023: बीमा प्रीमियम पर 18% GST।
2024: GST दर में बदलाव पर निर्णय लंबित।
वित्तीय दृष्टिकोण से प्रभाव:
GST दरों में बदलाव और नई नीतियां व्यापार और उपभोक्ताओं पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव डाल सकती हैं:
- उपभोक्ताओं के लिए राहत: आवश्यक वस्तुओं पर कम GST दर से उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा।
- व्यापार जगत: पुराने वाहनों पर GST दर बढ़ने से सेकेंड-हैंड वाहन बाजार पर प्रभाव पड़ेगा।
- राजस्व पर प्रभाव: GST परिषद को इन निर्णयों के माध्यम से राजस्व संतुलन बनाए रखने की चुनौती होगी।
निष्कर्ष:
55वीं GST परिषद की बैठक ने कर प्रणाली को बेहतर बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। दरों में बदलाव और नई घोषणाएं व्यापार और उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण होंगी। हालांकि, कुछ प्रस्ताव जैसे ATF को GST के दायरे में लाना और बीमा प्रीमियम पर दरों को कम करना, अभी भी लंबित हैं।
आने वाले समय में इन नीतियों का वास्तविक प्रभाव देखने को मिलेगा। GST परिषद के इन प्रयासों से कराधान को अधिक पारदर्शी और सरल बनाने की उम्मीद है।