

Elon Musk – जानिए क्यों Elon Musk नहीं बन सकते United States के प्रेसिडेंट। Tesla और Space X जैसी कंपनी के CEO एलोन मस्क क्या कभी U.S के प्रेसिडेंट बन सकते हैं ? उनकी Success और उनका Future के लिए दृष्टिकोण को देखते हुए कई लोग उन्हें एक योग्य और काबिल नेता मानते हैं। लेकिन UNITED STATES के संविधान की कई शर्तें उन्हें इस पद पर आने से रोकती है। आइए हम विस्तार से समझते हैं कि वह कौन सी शर्तें हैं जो Elon Musk को United States का प्रेसिडेंट बनने से रोकती हैं।
U.S के संविधान की शर्तें –
United States के संविधान का अनुच्छेद || , धारा 1 , खंड 5 यह स्पष्ट करता है कि राष्ट्रपति बनने के लिए निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी आवश्यक है :–
1- उम्मीदवार का यूनाइटेड स्टेट में जन्म होना चाहिए ( Natural Born Citizen )
2– उम्मेदवार की आयु कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए
3– उम्मीदवार कम से कम 14 वर्ष से United States में निवास कर रहा हो।
Elon Musk इन तीनों शर्तों में से पहली शर्त को पूरा नहीं करते क्योंकि उनका जन्म दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया शहर में हुआ था।
Elon Musk का जन्म और नागरिकता –
28 जून 1971 को दक्षिण अफ्रीका में Elon Musk का जन्म हुआ था। एलन मस्क के पिता दक्षिण अफ्रीका और मां कैनेडियन सिटीजन थी। 2002 में Elon Musk ने, United States की नागरिकता प्राप्त की , लेकिन संविधान के अनुसार राष्ट्रपति बनने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्म से ही नागरिक होना अनिवार्य है। इसलिए भले ही वह अब U.S के सिटीजन हो लेकिन उनकी जन्मस्थली उन्हें राष्ट्रपति बनने से रुकती है।
इस संविधान का उद्देश्य
संविधान में इस प्रावधान को केवल इस उद्देश्य के लिए जोड़ा गया था ताकि केवल वह व्यक्ति राष्ट्रपति बन सके जिसकी वफादारी पूरी तरह से यूनाइटेड स्टेट्स के प्रति हो। संविधान निर्माता को यह डर था कि विदेशी शक्तियां किसी ऐसे व्यक्ति को राष्ट्रपति बनने का प्रयास कर सकती हैं जो उनके हित को प्राथमिकता देगा। जिस कारण यूनाइटेड स्टेट्स और उसके लोगों को खतरा भी हो सकता है हालांकि यह नियम आज के मॉडर्न और ग्लोबलाइज्ड सोसाइटी में कुछ हद तक कंट्रोवर्शियल है लेकिन फिर भी यह यूनाइटेड स्टेट के कॉन्स्टिट्यूशन का हिस्सा है।
क्या इस नियम को बदला जा सकता है ?
सैद्धांतिक रूप से इस नियम को बदलना संभव है , लेकिन बेहद मुश्किल भी है। संविधान के संशोधन करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रियाएं आवश्यक है :–
1– संशोधन का प्रस्ताव कांग्रेस के दोनो सदनों यानी House of Representatives and Senate में दो तिहाई बहुमत से पास होना चाहिए।
2– इसके बाद इसे 50 में से कम से कम 38 राज्यों द्वारा approve किया जाना चाहिए।
इतने बड़े पैमाने पर सहमति बनाना कठिन है खासकर जब वह मामला Elon Musk जैसे केवल एक व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए हो।
Elon Musk का प्रभाव –
हालांकि Elon Musk प्रेसिडेंट नहीं बन सकते , लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उनका यूनाइटेड स्टेट्स या बाकी दुनिया पर प्रभाव कम है। Tesla , E.V ( electronic vehicle) Space X के रॉकेट और Neuralink जैसे इन्नोवेटिव प्रोजेक्ट्स पहले से ही लाखों और करोड़ों लोगों की जिंदगी बदल रहे हैं।
Elon Musk के पास ऐसे प्लेटफार्म और संसाधन है जिनके जरिए वह पॉलिटिक्स टेक्नोलॉजी और ग्लोबल इश्यूज पर अपना अच्छा खासा प्रभाव डाल सकते हैं।
अन्य विदेशी जन्मे अमेरिकी नेताओं का उदाहरण
Elon Musk पहले ऐसे व्यक्ति नहीं है जो इस नियम की वजह से राष्ट्रपति नहीं बन सके।
Arnold Schwarzenegger – बॉडीबिल्डिंग एवं हॉलीवुड स्टार कैलिफोर्निया के पूर्व गवर्नर जो ऑस्ट्रेलिया में जन्मे थे।
Madeleine Albright – U.S की पहली महिला विदेश मंत्री जिनका जन्म Prague, Czechia में हुआ था।
यह सभी लोग यूनाइटेड स्टेट्स की पॉलिटिक्स और समाज में बड़ा योगदान देने के बावजूद केवल यूनाइटेड स्टेट्स के संविधान की सभी शर्तों की पूर्ति न करने के कारण एलोन मस्क जैसे राष्ट्रपति के पद के लिए पत्र नहीं है।
निष्कर्ष
यूनाइटेड स्टेट्स के संविधान के Natural Born Citizen नियम के तहत Elon Musk का राष्ट्रपति ना बन पाना एक अहम कारण है। हालांकि उनकी प्रतिभा और दूर दृष्टि ने उन्हें दुनिया के सबसे अमीर और प्रतिभाशाली व्यक्तियों में शामिल किया है। Elon Musk भले ही राष्ट्रपति ना बन सके लेकिन उनके इनोवेशन और नेतृत्व का प्रभाव यूनाइटेड स्टेट्स समाज और वैश्विक स्तर पर हमेशा महसूस किया जाएगा। राष्ट्रपति बनने के लिए केवल संविधान की शर्तें ही काफी नहीं होती बल्कि नेतृत्व और प्रभाव के अन्य तरीके भी है और एलॉन मुस्क ने इन तरीकों का बखूबी उपयोग किया है। Elon Musk ने विज्ञान टेक्नोलॉजी और पर्यावरण को लेकर दुनिया को नई दिशा दिखाई है। राष्ट्रपति पद भले ही उसकी पहुंच से बाहर हो लेकिन वह अपना प्रभाव दुनिया पर डालते रहेंगे।